Indian Constitution Day 2021: क्‍या है संविधान दिवस मनाये जाने का कारण ?

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Indin Constitution Day
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Indian Constitution Day 2021: क्‍या है संविधान दिवस मनाये जाने का कारण ?

Constitution Day 2021: भारत में संविधान दिवस 26 नवम्‍बर को मनाने का इतिहास पुराना नहीं है, संविधान दिवस मनाने की शुरूआत वर्ष 2015 से हुई है। किन्‍तु आंबेडकरवादी और बौद्ध लोगों द्वारा कई दशकों पूर्व से ही ‘संविधान दिवस’ मनाया जाता रहा है। वर्ष 2015 से पहले 26 नवम्‍बर को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय कानून दिवस (National Law Day) के रूप में मनाया जाता रहा है। भारत में संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था, जबकि भारत का संविधान लागू होने से दो माह पूर्व ही 26 नवम्‍बर 1949 को तैयार हो चुका था। 26 नवंबर का दिन संविधान के महत्व का प्रसार करने के साथ ही डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के विचारों व अवधारणाओं का प्रचार-प्रसार करने के लिए चुना गया था। साथ ही 26 नवम्‍बर को संविधान निर्माण समिति के वरिष्ठ सदस्य डॉ सर हरीसिंह गौर का जन्मदिवस भी होता है। 

National Law Day (राष्ट्रीय कानून दिवस)  :

वर्ष 2015 के पूर्व 26 नवम्‍बर को राष्ट्रीय कानून दिवस (National Law Day) के रूप में मनाया जाता रहा है। कानून दिवस मनाने के पीछे एक खास वजह है कि वर्ष 1930 में कांग्रेस द्वारा लाहौर सम्‍मेलन में पूर्ण स्‍वराज की प्रतिज्ञा पास किया गया था। इसी संकल्‍प की याद में प्रतिवर्ष कानून दिवस मनाया जाता रहा है।

क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस ?

भारत के समस्‍त नागरिकों के लिए भारत का संविधान सबसे बड़ा ग्रंथ है। भारतीय संविधान के महत्‍व व संवैधानिक मूल्‍यों के प्रति प्रत्‍येक नागरिकों में जागरूकता फैलाने के उद्येश्‍य से संविधान दिवस मनाने का फैसला किया गया। भारत ने 26 नवम्‍बर को भारतीय संविधान अपनाया था, इसलिए भारत सरकार के सामाजिक न्‍याय मंत्रालय द्वारा 19 नवम्‍बर 2015 को फैसला लिया गया कि प्रत्‍येक वर्ष 26 नवम्‍बर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जायेगा। वर्ष 2015 में ऐसा ऐतिहासिक निर्णय लेने की एक वजय यह भी है कि 2015 में भारतीय संविधान निर्माता डॉ भीमराव आंबेडकर जी की 125 वीं जयंती थी। डॉ आंबेडकर की 125वीं जयंती को यादगार बनाया जा सके।

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संविधान और उसका महत्व

संविधान दिवस का वास्‍तविक उद्येश्‍य संविधान निर्माता में शामिल सभी व्‍यक्ति एवं देश के पहले कानून मंत्री रहे डॉ. आंबेडकर को श्रद्धांजलि देना ही रहा है। भारत का संविधान असल में देश को चलाने के लिए एक निर्देशिका के रूप में है, जिसके अंतर्गत सरकार और देश के नागरिकों के मौलिक राजनीतिक सिद्धांत, प्रक्रियाएं, अधिकार, दिशा निर्देश, प्रतिबंध और कर्तव्य आदि तय किये गये हैं। भारत का संविधान भारत को संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी, लोकतांत्रिक गणतंत्र देश घोषित करता है तथा अपने समस्‍त नागरिकों के लिए समानता, स्वतंत्रता और न्याय की गारंटी देता है।

संविधान से जुड़े महत्‍वपूर्ण तथ्‍य –

  • भारत का संविधान विश्‍व का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जो 25 भागों, 448 अनुच्छेदों और 12 सूचियों में बंटा है।
  • 26 जनवरी 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू हुआ था। 
  • 26 जनवरी को प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • भारतीय संविधान 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन में बनकर तैयार हुआ था।  
  • मूल भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद (22 भाग) और 8 अनुसूचियाँ थी, किंतु विभिन्न संशोधनों के फलस्वरूप वर्तमान में 470 अनुच्छेद (25 भाग ) और 12 अनुसूचियां हैं। संविधान के तीसरे भाग में 6 मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है।

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